Muskan Sharma

July 7,2001 - Kurukshetra
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बोलने दे लोगों को

बोलने दे लोगों को
बोलने दे लोगों को ।
तू बस अपनी ज़िंदगी जी,
कर जो करना है तुझे,
ना सुन ऐसे लोगों की तू ,
जो तुझे गिराना चाहते हैं,
जो तुझे तुटता हुआ देखना चाहते हैं ,
जो तुझे ख़त्म करना चाहते हैं,
जो तेरा हौसला गिराना चाहते हैं,
जो तेरा आत्मविश्वास गिराना चाहते हैं,
जो खुद पर ही बोझ हैं,
मत देख उनकी तरफ़,
मत देख उनकी तरफ़।
बस तू आगे बढ़ता जा,
बस तू आगे बढ़ता जा।
बोलने दे लोगों को,
बोलने दे लोगों को।
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