Ujjwal Kumar

27 February 2005 - New Delhi
Send Message

Love

जाते जाते मैंने उससे पूछा...
की जब हमें साथ होना ही नहीं था...
तो कायनात ने हमें मिलाया ही क्यों !
तो उसने कहा कि
शायद कायनात को ये मंजूर होगा ,
अगले जन्म में मिलने के लिए इस जन्म में बिछड़ना होगा...
उसके और करीब होने के लिए मुझसे झगड़ना होगा ,
अपने आप को पाने के लिए मुझसे मिलना होगा और वैसे भी हमारे बिछड़ने से हमारा प्रेम तो कम नहीं हो जाएगा...
क्योंकि प्रेम तो बस विदा लेता है अलविदा नहीं ,
प्रेम तो सदा के लिए होता है क्षणभर के लिए नहीं।
प्रेम तो आजाद होता है , रिश्तों का कैदी नहीं।

प्रेम है अगर प्रेम है........

इसीलिए मैं कहता हुँ प्रेम है तो फिर मिलेंगे ,
कायनात पर विश्वास है तो फिर मिलाए जाएँगे।
92 Total read