सब कुछ समेटे बैठा हूँ
…
कुछ दर्द है
कुछ प्यार है
कुछ ख़ुशनुमा सा खुमार है
…
सब कुछ समेटे बैठा हूँ
…
इस दिली हक़ीक़त में
इस रूह की इमारत में
इस उम्मीद की ताक़त में
एक उंस की चाहत में
…
सब कुछ समेटे बैठा हूँ
…
इंतज़ार में
कुछ प्यार में
सब कुछ समेटे बैठा हूँ