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Sumit Maurya
September 3, 1984 - Earth
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मज़हर ए नूर
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तेरे देखे जो दिल में एक सूकून आ जाता है मुझको,
वही है बस वही है जीने की उम्मीद अब मेरी।
मज़हर ए नूर जो तू है मेरे चेहरे कि खूबी का,
के तुझसे दिल लगाकर और किस से दिल लगाऊं मैं।
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