सरहद बना कर बैठे हम
देते पेहेरा सुबह श्याम
हर आने जाने वाले के जांच लेते च हेरे
हुई थी जंग पहेले भी धर्म देश के नाम पर
लोग थे बट गए, तैयार एक दूसरे को मिटाने
अब के आया ऐसा दौर सारे बैठे अपने सरहद पार
लढ़ रहे सारे मिलके मार गिराने शत्रु एक विषाणू भयंकर विशाल
बहुतों ने था कहा आएगा कलियुग कहिसे
शायद देख भाईचारा जगत में भाग जाएग
पतली गली से
बदल गया ये विश्व अब आएगा सतयुग
फिर से
विश्व को जोडा एक विषाणू ने सदियोन तक होगा प्रख्यात