Eshan Singh

September 23, 2002 - Bharat
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गोपिया

जिन्होंने भगवान् के नाम पर खोली हैं दुकाने अपनी वो तुम्हें भगवान् से दूर भगाते हैं। तुम्हारे करो को भगवान् कभी वस्त्र चुराते कभी गोपियों संग नाचते दिखलाते हैं, जिन्होंने परब्रह्म को अपने अंतर में साध कर गीता जैसा ज्ञान दिया इन पोप पंडितो ने उन्ही को राधा और गोपियों संग बाँध दिया, निर्वीर्य बनाकर भगवान को भक्त से ही छांट दिया। सारे पाप उतर जाते थे सिर्फ जिनके चरित्र का करने से मनन इन पाखंडियो ने तो
कर लिया उनके ही चरित्र का हरण। तुम आज भी इन्ही कल्पनाओ में सोते हो, अनजान ही भगवान् से हाँथ धोते हो।
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