Hindi Poems

Popular Hindi Poems
Isharon ka gulam
by Karan Shah

Tere Isharon ka bann gaya, main jaise gulam
Teri ankahee baaton, ka deewana jaise
le kalam apne hi khwabon mein likhun,
tera naam jo baar baar.
Apne aap se main kahoon
ke maan ja haar,
kyunki uske pyaar mein,
main na karoon
apna bhi koi kaam
Tere Isharon ka bann gaya main jaise gulam.

......

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Chai aur toast
by Jayesh Jain

Woh teri utni kadr karti hai
Jitni tu uski karta hai
har muskurahat ke liye uski
Tu ghanton kam karta hain


Bina kahayal kuch panne ke
Tu usse sacha apna manta hai
Woh kushkismat hai jo
Be fikr ho tujhe se aaj baat karti hai

......

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गोपिया
by Eshan Singh

जिन्होंने भगवान् के नाम पर खोली हैं दुकाने अपनी वो तुम्हें भगवान् से दूर भगाते हैं। तुम्हारे करो को भगवान् कभी वस्त्र चुराते कभी गोपियों संग नाचते दिखलाते हैं, जिन्होंने परब्रह्म को अपने अंतर में साध कर गीता जैसा ज्ञान दिया इन पोप पंडितो ने उन्ही को राधा और गोपियों संग बाँध दिया, निर्वीर्य बनाकर भगवान को भक्त से ही छांट दिया। सारे पाप उतर जाते थे सिर्फ जिनके चरित्र का करने से मनन इन पाखंडियो ने तो
कर लिया उनके ही चरित्र का हरण। तुम आज भी इन्ही कल्पनाओ में सोते हो, अनजान ही भगवान् से हाँथ धोते हो।

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ईश्वर और ईश्वर पुत्र
by Eshan Singh

आज भी उन्ही सवालों में सोता हूँ
खुद को ही खुद से खोता हूँ।
ना जाने ये उम्र कब ढल जाएगी
ये खुशियां आंसुओ में बदल जाएगी।
आँखें खुलते ही ईश्वर हम आपको पाते हैं
ज़िम्मेदारियों का बोझ उठा कर खुद को आपसे दूर ले जाते हैं।
आज भी आपका पुत्र हर परिस्थिति को सोचता हैं
कही आप मेरी दुःख से दुखी न हो जाओ इसीलिए आपके सामने होते हुए भी मुँह झुका कर आंसू पोछता हैं
उन् आंसुओ में मंद मंद खुशियों को गाता हूँ
मैं आज भी उन्ही सवालों में खुद को सोया हुआ पाता हूँ

......

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Recent Hindi Poems
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Tere Isharon ka bann gaya, main jaise gulam
Teri ankahee baaton, ka deewana jaise
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tera naam jo baar baar.
Apne aap se main kahoon
ke maan ja haar,
kyunki uske pyaar mein,
main na karoon
apna bhi koi kaam
Tere Isharon ka bann gaya main jaise gulam.

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ईश्वर और ईश्वर पुत्र
by Eshan Singh

आज भी उन्ही सवालों में सोता हूँ
खुद को ही खुद से खोता हूँ।
ना जाने ये उम्र कब ढल जाएगी
ये खुशियां आंसुओ में बदल जाएगी।
आँखें खुलते ही ईश्वर हम आपको पाते हैं
ज़िम्मेदारियों का बोझ उठा कर खुद को आपसे दूर ले जाते हैं।
आज भी आपका पुत्र हर परिस्थिति को सोचता हैं
कही आप मेरी दुःख से दुखी न हो जाओ इसीलिए आपके सामने होते हुए भी मुँह झुका कर आंसू पोछता हैं
उन् आंसुओ में मंद मंद खुशियों को गाता हूँ
मैं आज भी उन्ही सवालों में खुद को सोया हुआ पाता हूँ

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गोपिया
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कर लिया उनके ही चरित्र का हरण। तुम आज भी इन्ही कल्पनाओ में सोते हो, अनजान ही भगवान् से हाँथ धोते हो।

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Chai aur toast
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Jitni tu uski karta hai
har muskurahat ke liye uski
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