कभी थकना न तू
कभी रुकना न तू
यूहीं चलता चल अपने सपनो की राह में
लाख रोके ये ज़माना
कभी झुकना न तू !
मुश्किलों से भरा हर राह होगा
कहीं नफरत तो कहीं प्यार होगा
कहीं तक़रार तो कहीं इक़रार होगा
मिल जायेगी हर ख़ुशी तुझे
बस अपनी हिम्मत और लगन
कभी छोड़ना न तू !
आसमान में नया इक सवेरा होगा
गले में तेरे तेरी जीत का हार होगा
नफरत करता था जो
वो जहां सारा तेरा होगा
छूकर अपनी किस्मत के सितारों को
बस तेरा वजूद क्या था ( the days of struggle and poverty)
वो कभी भूलना ना तू !