कभी थकना न तू
कभी रुकना न तू
यूहीं चलता चल अपने सपनो की राह में
लाख रोके ये ज़माना
कभी झुकना न तू !
मुश्किलों से भरा हर राह होगा
कहीं नफरत तो कहीं प्यार होगा
कहीं तक़रार तो कहीं इक़रार होगा
मिल जायेगी हर ख़ुशी तुझे
बस अपनी हिम्मत और लगन
......
कभी थकना न तू
कभी रुकना न तू
यूहीं चलता चल अपने सपनो की राह में
लाख रोके ये ज़माना
कभी झुकना न तू !
मुश्किलों से भरा हर राह होगा
कहीं नफरत तो कहीं प्यार होगा
कहीं तक़रार तो कहीं इक़रार होगा
मिल जायेगी हर ख़ुशी तुझे
बस अपनी हिम्मत और लगन
......