देखु सखी दाइ माइ ठकलक बभना !
आइ ठकलक बभना !१!
सुनैत छलियनि जस तिन भुवना !
आव सुनै छी घर नहिं अंगना !२!
भोला के माय नहिं बाप केउ छैन अपना !
गौरीके ननदि सासु दुनू सपना !३!
गौरी तप कैलनि राति दिना !
तिनका एहन वर देल बिधना !४!
भनहिं विद्यापति सुनू हे मैना !
प्राचत सदा शिव भरि अंगना !५!