Uday Prakash

1 January 1952 / Madhya Pradesh / India

शरारत - Poem by

छत पर बच्चा
अपनी माँ के साथ आता है.

पहाड़ों की ओर वह
अपनी नन्हीं उंगली दिखाता है.

पहाड़ आँख बचा कर
हल्के-से पीछे हट जाते हैं
माँ देख नहीं पाती.

बच्चा
देख लेता है.

वह ताली पीटकर उछलता है
-देखा माँ, देखा
उधर अभी
सुबह हो जाएगी.
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