Uday Prakash

1 January 1952 / Madhya Pradesh / India

कुतुबमीनार की ऊँचाई - Poem by Uday Prakash

कुतबुद्दीन ऎबक को
अब ऊपर से
नीचे देख पाने के लिए
चश्मे की ज़रूरत पड़ती

इतनी ऊँचाई से गिर कर
चश्मा
टूट जाता.
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