कौन सुनेगा, दर्दे गम की कहानी मेरी
करना खुदा रहम, रखना निगरानी मेरी
जिसके आगे से गुजरती हूँ, वही कहता
आह क्या गजब की है जवानी तेरी
जाने फ़िर कब आना और मिलना हो
दे दो, रख लूँ कोई निशानी तेरी
मत छुपा कोई बात अपने दिल की मुझसे
तेरे मदहोश नयन बता रहे,गंजनिहानी तेरी
है कौन सा दिल जहाँ में,जो जिंदा है
जिसमें धड़कता नहीं मुहब्बत,जानी तेरी