Sneha Ghosh

31/08/1999-beijing
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long walks with self!

साथ चलते रहे
यूंही बस चलते रहे
देखें हजारों ख्वाब जो जलते रहें
हमसे उम्मीद ना लगाना तुम
इस तड़प को पालते रहें
चीजें बिखरने को देर नहीं लगती
ये मानते रहें
मगर कब तक आशा लिए
युंही चलते रहें
शायद कोई मंजिल ही नहीं
बस युंही अकेले हम
चलते रहें |
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