ज़िन्दगी की डांट खा कर
हर मुश्किल में भी मुस्कुरा कर,
तू कर्म अपने करता जा
ऐसे ही आगे बढ़ता जा ।
रास्तों की बाधाओं से तू जो घबराएगा,
खत्म होगी वो राह वहीं
क्या तू मंजिल तक पहुंच पाएगा ??
इन मुस्किलों को पर कर
तू खुद से ही सवाल कर,
क्या कमी है तेरे अन्दर
तू देख खुद में झांक कर ।
वक़्त है अब भी का संभल
खुद के सपने साकार कर,
तू जी ले अपनी ज़िन्दगी,
और जीत जा तू हार कर ।।