Ram Vilas Sharma

10 October 1912 - 30 May 2000 / Unnao, Uttar Pradesh / India

शारदीया - Poem by Ram

सोना ही सोना छाया आकाश में,

पश्चिम में सोने का सूरज डूबता,

पका रंग कंचन जैसे ताया हुआ,

भरे ज्वार के भुट्टे पक कर झुक गये ।

'गला-गला' कर हाँक रही गुफना लिये,

दाने चुगती हुईं गलरियों को खड़ी,

सोने से भी निखरा जिस का रंग है,

भरी जवानी जिस की पक कर झुक गयी ।
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