हवाओं में बारूद की सुगंध
कपड़ो पर खून की छिटे,
आत्मा मे जोश और जुनून से भरा फौलादी शरीर
वतन के लिए प्रेम और कुर्बानी का था जंग।
ना हिंदू मुस्लिम के शिकंजे मे कोई बंधे थे
सभी बस अपने भारत माँ के बंदे थे
कर दिया कितनो को धराशायी और कितनो को धूल चटाई
ये थे भारत माँ के प्रेमी जो जज्बे से थे भाई भाई।
कहने को सब अलग थे लेकिन सन्तान एक हि भारत माँ की थी
उन्होनें गोलीयो की लहक, बम का विस्फोट भी सहा,
कर गए कुछ ऐसा जिससे हमें आजाद हिंदुस्तान मिला।
आज भी सीमा पर खड़े जवान जब हमले के शिकार होते हैं
गुंजती है गोलीयो की गरगराहट, बम का धमाका
लेकिन हार नहीं मानते वो ,डरते नहीं
पैर खो दिए, हाथ चला गया फिर भी वो लड़ते हैं।
हमें महफूज़ भारत का सिर्फ सपना ही नहीं , वो उसे हकीकत मे बदलते हैं
सलाम है उन देश के वीर भक्तो को जिनकी वजह से सीना ठोक आज ये जहां कहता है ,
हम रहते है उस देश मे जिसको सब भारत माँ कहता है।