शायद वो पूछ ले मेरा हाल,
इसी ख़याल से अपनी मौत की अफ़वाह,
सारे शहर में उड़ा रखी है।
हर गली, हर चौखट पर चर्चाएँ उठीं,
कहीं मातम था, कहीं ख़ुशियों की धुन बजी।
वो भी निकली सच्चाई तलाशने,
तेज़ क़दमों से, धड़कते दिल के साथ...
लब ख़ामोश थे, मगर आँखें बोल पड़ीं,
......
शायद वो पूछ ले मेरा हाल,
इसी ख़याल से अपनी मौत की अफ़वाह,
सारे शहर में उड़ा रखी है।
हर गली, हर चौखट पर चर्चाएँ उठीं,
कहीं मातम था, कहीं ख़ुशियों की धुन बजी।
वो भी निकली सच्चाई तलाशने,
तेज़ क़दमों से, धड़कते दिल के साथ...
लब ख़ामोश थे, मगर आँखें बोल पड़ीं,
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