Give up Poems

Popular Give up Poems
बस इतना टूट चुकी हूँ
by Muskan Sharma

बस टूट चुकी हूँ
खुदसे क्या कहूँ
किसी से क्या बात करूँ
मन ही नहीं करता
किसी के पास जाने का
किसी से दो घड़ी बात करने का
खुदसे भी यूँ मुँह मोड़ लिया है मैंने
बस टूट चुकी हूँ

सवाल करना चाहती हूँ

......

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बस इतना टूट चुकी हूँ
by Muskan Sharma

बस टूट चुकी हूँ
खुदसे क्या कहूँ
किसी से क्या बात करूँ
मन ही नहीं करता
किसी के पास जाने का
किसी से दो घड़ी बात करने का
खुदसे भी यूँ मुँह मोड़ लिया है मैंने
बस टूट चुकी हूँ

सवाल करना चाहती हूँ

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