Fall and rise language hindi Poems

Popular Fall and rise language hindi Poems
भूल की सुधार
by Archana Naik

||एक भूल दिशा ने बदलड़ी दशा मेरी ,
निशा का अंधकार नहीं यह निराशा की अश्रु मेरी ,
सुबह की रौशनी में भी राह धुंधली सी दिखी,
धुंधली आँखें मलते हुए मैंने फिर एक नई कहानी लिखी,
मन का मलाल जब स्याही से कागज़ पर उतरा,
लगा ऐसा जैसे बिगड़ी हुई तस्वीर की छवि में कुछ सुधरा,
अग्निपथ से होकर ही लक्ष्य तक जाता हर मार्ग,
हक़ का हैं जो परिश्रम उससे ना भाग,
सतह पर मुठ्ठी में आता सिर्फ लेकरों का झाग,
अर्णव वक्ष को चिरकर गहराई में ही मिलता मोती का बाग,

......

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Recent Fall and rise language hindi Poems
भूल की सुधार
by Archana Naik

||एक भूल दिशा ने बदलड़ी दशा मेरी ,
निशा का अंधकार नहीं यह निराशा की अश्रु मेरी ,
सुबह की रौशनी में भी राह धुंधली सी दिखी,
धुंधली आँखें मलते हुए मैंने फिर एक नई कहानी लिखी,
मन का मलाल जब स्याही से कागज़ पर उतरा,
लगा ऐसा जैसे बिगड़ी हुई तस्वीर की छवि में कुछ सुधरा,
अग्निपथ से होकर ही लक्ष्य तक जाता हर मार्ग,
हक़ का हैं जो परिश्रम उससे ना भाग,
सतह पर मुठ्ठी में आता सिर्फ लेकरों का झाग,
अर्णव वक्ष को चिरकर गहराई में ही मिलता मोती का बाग,

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Popular Poets about Fall and rise language hindi From Members
  • Archana Naik
    Archana Naik (1 poems about Fall and rise language hindi)
    December 25,2004- India