Contemplating Poems

Popular Contemplating Poems
मैं क्या चाहती हूँ ?
by Muskan Sharma

मैं क्या चाहती हूँ?
मैं क्या चाहती हूँ?
क्या कभी मैंने सोचा ?
क्या कभी खुदसे पूछा?
क्या कभी अपने दिल की आवाज़ सुनी?
क्या यह खुदसे पूछा कि तेरी खुशी क़िस्में है?
नहीं कभी नहीं सोचा
नहीं कभी नहीं पूछा ।
बस यूँ ही ज़िंदगी जी रही थी
दूसरों के इशारों पर

......

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मैं क्या चाहती हूँ?
मैं क्या चाहती हूँ?
क्या कभी मैंने सोचा ?
क्या कभी खुदसे पूछा?
क्या कभी अपने दिल की आवाज़ सुनी?
क्या यह खुदसे पूछा कि तेरी खुशी क़िस्में है?
नहीं कभी नहीं सोचा
नहीं कभी नहीं पूछा ।
बस यूँ ही ज़िंदगी जी रही थी
दूसरों के इशारों पर

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