Broken heart love Poems

Popular Broken heart love Poems
रहमत
by Sumit Maurya

तस्सलियों की रेहमत तुम नहीं दे सकते हो मुझको,
बीमारी वहां ले गई है जहां सुनाई नहीं देता।
दिखाई देता है एक हाथ मेरे कंधों की तरफ बड़ता,
जो मुड़ता हूं तो कोई क्यों मुझे महसूस नहीं होता।
अकेला हूं तो चल लेता हूं दिन में थोड़ा थोड़ा सा मैं,
जो कोई आ गया तो गम सुनाने बैठ जाऊंगा।
दिल भरा है और भारी है कुछ ज़्यादा ज़्यादा सा,
के जब जब मैं खड़ा होता हूं बेचारा बैठ जाता है।

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रहमत
by Sumit Maurya

तस्सलियों की रेहमत तुम नहीं दे सकते हो मुझको,
बीमारी वहां ले गई है जहां सुनाई नहीं देता।
दिखाई देता है एक हाथ मेरे कंधों की तरफ बड़ता,
जो मुड़ता हूं तो कोई क्यों मुझे महसूस नहीं होता।
अकेला हूं तो चल लेता हूं दिन में थोड़ा थोड़ा सा मैं,
जो कोई आ गया तो गम सुनाने बैठ जाऊंगा।
दिल भरा है और भारी है कुछ ज़्यादा ज़्यादा सा,
के जब जब मैं खड़ा होता हूं बेचारा बैठ जाता है।

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