Manohar Meher

“Gana-Kavi” or “Palli-Kavi”] (1885 - 4 December 1969 / Orissa / India

सरस्वती-वन्दना - Poem by Manohar Meher

मा शारदे !
बिराजिछु सबुरि हृदे ॥ (पद)

तो बिना आन नाहिँ
जगत मध्ये केहि
अज्ञान-नाशिनी बरदे ॥ (१)

मात बिष्णु-बल्लभी
पुराण कलु भाबि
तो तहुँ कबि भबे उदे ॥ (२)

ॐकारु तो जनम
मोहिलु नारायण
बीणा सपत स्वर नादे ॥ (३)

बयाळिश रागर
अछि य़ा अधिकार
तान मान गान आह्लादे ॥ (४)

कह‍इ मनोहर
कपाळे य़ोड़ि कर
मो चित्त थाउ तोर पादे ॥ (५)

(‘मनोहर-पद्यावली’ पुस्तकरु गृहीत)
176 Total read