Kedarnath Singh

7 July 1934 / Chakia, Ballia, Uttar Pradesh / India

सन् ४७ को याद करते हुए - Poem by Kedarnath Singh

तुम्हें नूर मियाँ की याद है केदारनाथ सिंह?
गेहुँए नूर मियाँ
ठिगने नूर मियाँ
रामगढ़ बाजार से सुरमा बेच कर
सबसे आखिर मे लौटने वाले नूर मियाँ
क्या तुम्हें कुछ भी याद है केदारनाथ सिंह?

तुम्हें याद है मदरसा
इमली का पेड़
इमामबाड़ा
तुम्हे याद है शुरु से अखिर तक
उन्नीस का पहाड़ा
क्या तुम अपनी भूली हुई स्लेट पर
जोड़ घटा कर
यह निकाल सकते हो
कि एक दिन अचानक तुम्हारी बस्ती को छोड़कर
क्यों चले गए थे नूर मियाँ?
क्या तुम्हें पता है
इस समय वे कहाँ हैं
ढाका
या मुल्तान में?
क्या तुम बता सकते हो?
हर साल कितने पत्ते गिरते हैं पाकिस्तान में?
तुम चुप क्यों हो केदारनाथ सिंह?
क्या तुम्हारा गणित कमजोर है?
122 Total read