Jagdish Gupt

1924–2001 / India

बात रात से - Poem by Jagdi

आँख-सी उजली धुली यह रात
हिम शिखर पर
रश्मियों के पाँव रख कर
बढ़ चली

कहा मैंने -
रुको
मैं भी साथ चलता हूँ
गगन की उस शांत नीली झील के
निस्तब्ध तट पर
बैठ कर बातें करेंगे।
95 Total read