Bharatendu Harishchandra

9 September 1850 - 6 January 1885 / Vellore / India

जागे मंगल-रूप सकल ब्रज-जन-रखवारे - Poem by Bharatendu Harishchandra

जागे मंगल-रूप सकल ब्रज-जन-रखवारे ।
जागो नन्दानन्द -करन जसुदा के बारे ।
जागे बलदेवानुज रोहिनि मात-दुलारे ।
जागो श्री राधा के प्रानन तें प्यारे ।
जागो कीरति-लोचन-सुखद भानु-मान-वर्द्धित-करन ।
जागो गोपी-गो-गोप-प्रिय भक्त-सुखद असरन-सरन ।
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