Ashok Chakradhar

8 February 1951 - / Adheerpada, Kurja, Bulandshahar / India

चेतन जड़ - Poem by Ash

प्यास कुछ और बढ़ी
और बढ़ी ।

बेल कुछ और चढ़ी
और चढ़ी ।

प्यास बढ़ती ही गई,
बेल चढ़ती ही गई ।

कहाँ तक जाओगी बेलरानी
पानी ऊपर कहाँ है ?

जड़ से आवाज़ आई-
यहाँ है, यहाँ है ।
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