Ashok Chakradhar

8 February 1951 - / Adheerpada, Kurja, Bulandshahar / India

चल दी जी, चल दी - Poem by Ashok Cha

मैंने कहा
चलो
उसने कहा
ना
मैंने कहा
तुम्हारे लिए खरीदभर बाज़ार है
उसने कहा
बन्द
मैंने पूछा
क्यों
उसने कहा
मन
मैंने कहा
न लगने की क्या बात है
उअसने कहा
बातें करेंगे यहीं
मैंने कहा
नहीं, चलो कहीं
झुंझलाई
क्या-आ है ?
मैनें कहा
कुर्ता ख़रीदना है अपने लिए ।
चल दी जी, चल दी
वो ख़ुशी-ख़ुशी जल्दी ।
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