Ashok Chakradhar

8 February 1951 - / Adheerpada, Kurja, Bulandshahar / India

किधर गई बातें - Poem by Ashok Chakr

चलती रहीं
चलती रहीं
चलती रहीं बातें
यहाँ की, वहाँ की
इधर की, उधर की
इसकी, उसकी
जने किस-किस की,
कि
एकएक
सिर्फ़ उसकी आँखों को देखा मैंने
उसने देखा मेरा देखना ।
और... तो फिर...

किधर गईं बातें,
कहाँ गईं बातें ?
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